हिंदी Mobile
Login Sign Up

छांदोग्य उपनिषद sentence in Hindi

pronunciation: [ chhaanedogay upenised ]
"छांदोग्य उपनिषद" meaning in Hindi
SentencesMobile
  • छांदोग्य उपनिषद कहता है, अन्न ब्रह्म है।
  • उत्तरायण का महत्व छांदोग्य उपनिषद में भी किया गया है।
  • सूर्य के उत्तरायण का महत्व छांदोग्य उपनिषद में भी किया गया है।
  • सूर्य के उत्तरायण का महत्व छांदोग्य उपनिषद में भी किया गया है।
  • आवागमन की कल्पना सबसे पहले छांदोग्य उपनिषद में पेश की गई थी।
  • आवागमन की कल्पना सबसे पहले छांदोग्य उपनिषद में पेश की गई थी।
  • इसके शेष आठ अध्याय और 143 खंड छांदोग्य उपनिषद कहे जाते हैं।
  • छांदोग्य उपनिषद (3,17,6), जिसमें देवकी पुत्र कृष्ण का उल्लेख है और उन्हें घोर आंगिरस का शिष्य कहा है।
  • छांदोग्य उपनिषद (3,17,6), जिसमें देवकी पुत्र कृष्ण का उल्लेख है और उन्हें घोर आंगिरस का शिष्य कहा है।
  • (छांदोग्य उपनिषद) सूर्य, पर्जन्य, पृथ्वी, पुरुष और योषित् नामक अग्नि के पाँच रूप 3.
  • छांदोग्य उपनिषद [2], जिसमें देवकी पुत्र कृष्ण का उल्लेख है और उन्हें घोर आंगिरस का शिष्य कहा है।
  • प्रमुख छांदोग्य उपनिषद (वेदों के दार्शनिक विवेचन के 108 ग्रंथ) में कहा गया हैः “नदियों का जल सागर में मिलता है।
  • छांदोग्य उपनिषद के अनुसार आत्मा चार स्तरों में स्वयं के होने का अनुभव करती है-जागृत, स्वप्न, सुषुप्त और तुरीय अवस्था।
  • ~ छांदोग्य उपनिषद ख्याति नदी की भाँति अपने उद्गम स्थल पर क्षीण ही रहती है किंदु दूर जाकर विस्तृत हो जाती है।
  • उल्लेखनीय है कि उपनिषदों का रचनाकाल भी यजुर्वेद के आसपास ही माना जाता है जबकि छांदोग्य उपनिषद में धात्विक मिश्रण का स्पष्ट वर्णन मिलता है।
  • छांदोग्य उपनिषद के चौथे अध् याय के 17 वें खंड में देवकीपुत्र कृष्ण का उल्लेख है और ये थे पांडवों के नातेदार यह अभी कहा है।
  • मैत्रायणी उपनिषद सबसे पीछे का उपनिषद कहा जाता है और उसमें छांदोग्य उपनिषद के अवतरण मिलते है, इसलिए छांदोग्य मैत्रीयणी से पूर्व का उपनिषद हुआ ।
  • स्वामी कृष्णानंद ने छांदोग्य उपनिषद में आध्यात्मिक प्रतीक के रूप में नारियल का जो वर्णन किया है, उसके अनुसार कच्चा नारियल कड़े कवच से चिपका रहता है।
  • चार स्तर: छांदोग्य उपनिषद (8-7) के अनुसार आत्मा चार स्तरों में स्वयं के होने का अनुभव करती है-(1)जाग्रत (2) स्वप्न (3) सुषुप्ति और (4) तुरीय अवस्था।
  • छांदोग्य उपनिषद (8-7) के अनुसार आत्मा चार स्तरों में स्वयं के होने का अनुभव करती है-(1) जाग्र त, (2) स्वप् न, (3) सुषुप्ति और (4) तुरीय अवस्था।
  • More Sentences:   1  2

chhaanedogay upenised sentences in Hindi. What are the example sentences for छांदोग्य उपनिषद? छांदोग्य उपनिषद English meaning, translation, pronunciation, synonyms and example sentences are provided by Hindlish.com.